JNU: 10 रुपये वाले कमरे के देने होंगे तीन सौ रुपये, पहली बार वसूले जाएंगे सर्विस चार्ज के 1700

 



 नई दिल्ली,| जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में नए हॉस्टल नियमों के तहत हॉस्टल फीस बढ़ोतरी का असर करीब चालीस फीसदी छात्रों पर पड़ेगा। छात्रसंघ का दावा है कि दस रुपये वाले कमरे के नए नियमों के तहत तीन सौ रुपये देने पड़ेंगे। इसके अलावा हॉस्टल नियमों में पहली बार सर्विस चार्ज भी जोड़ा जा रहा है। इसमें 1700 रुपये चुकाने होंगे और मेस सिक्योरिटी राशि 5500 रुपये से बढ़कर 12 हजार रुपये हो जाएगी।


जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आईषी घोष के मुताबिक, विश्वविद्यालय प्रबंधन सोशल मीडिया के माध्यम से नए हॉस्टल ड्रॉफ्ट को अफवाह करार दे रहा है। जबकि रजिस्ट्रार ने आधिकारिक बयान में कहा कि नए बदलाव भी हो रहे हैं। ड्रेस कोड से अधिक हमें उन चालीस फीसदी छात्रों की पढ़ाई की चिंता है, जिनके अभिभावक पैसे नहीं दे सकते हैं।छात्रों के पास पैसे होते तो वे जेएनयू नहीं, किसी अन्य संस्थान में दाखिला ले सकते थे।  विश्वविद्यालय प्रशासन ने 3 अक्तूबर को एक सर्कुलर जारी कर नए हॉस्टल नियमों में बदलाव का प्रस्ताव दिया था, जबकि 28 अक्तूबर को गुपचुप तरीके से पास कर दिया। छात्रसंघ समेत आम छात्रों को बिना सूचना इस प्रकार नियम लागू करना कहां का न्याय है।


घोष ने कहा कि, हमें बार-बार करदाताओं के पैसे से पढ़ाई करने के ताने दिए जाते हैं। जेएनयू के छात्र इस बात से कभी इंकार नहीं करते हैं कि यहां पढ़ने वाले छात्रों की पढ़ाई व रहने का खर्च इस देश के हर नागरिक के सहयोग से चलता है। हम सब हिंदुस्तान के जिम्मेदार नागरिक हैं और देश के विकास में योगदान देना चाहते हैं। हालांकि नए नियम के लागू होने पर गरीब परिवारों के छात्रों का उच्च शिक्षा हासिल करने का सपना टूट जाएगा।


क्या हैं नए हॉस्टल नियम


- सिंगल सिटर रूम का किराया अभी बीस रुपये है। नए नियम में यह छह सौ रुपये प्रति महीना हो जाएगा।
- डबल सिटर रूम का किराया दस से बढ़ाकर तीन सौ रुपये होगा। 
- पहले सर्विस चार्ज या यूटिलिटी चार्ज जैसे कि पानी, बिजली के पैसे नहीं देने होते थे। नए नियम में एज पर एक्चुअल का प्रावधान है, यानी जितना प्रयोग करेंगे, उतना देना होगा। 
- वन टाइम मेस सिक्योरिटी 5500 रुपये थी। इसे 12 हजार कर दिया है। 
- रात साढ़े 11 बजे के बाद हॉस्टल में नो एंट्री होगी। लड़कियां बॉयज हॉस्टल में नहीं जा सकेंगी। 
- नियमों का पालन न करने पर जुर्माने का भी प्रावधान होगा। यह तीन से तीस हजार रुपये तक होगा।

- हॉस्टल नियम तोड़ने पर कुलपति को छात्र को हॉस्टल से निकालने का अधिकार मिल जाएगा।
- हॉस्टल सीट बीए, एमए, एमफिल, पीएचडी प्रोग्राम के आधार पर मिलेगी। एक समयावधि तक ही हॉस्टल में रहने की अनुमति होगी। कैंपस से पासआउट होते ही सीट छोड़नी होगी। 
-खाना बेकार फेंकने पर जुर्माने का प्रावधान किया गया है। कमरों में खाना बनाने, सिगरेट व शराब सेवन पर रोक रहेगी। 
- रात को हॉस्टल से बाहर रहने पर स्थानीय अभिभावक की लिखित अनुमति वार्डन को देनी होगी।
- मैस में खाने के दौरान फॉर्मल ड्रेस पहनकर ही जा सकते हैं।