अयोध्या विवाद - फोटो
खास बातें
- अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया
- पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने रामलला के हक में निर्णय सुनाया
- राम मंदिर बनाने के लिए तीन महीने में एक ट्रस्ट बनाने के निर्देश दिए
- नई मस्जिद बनाने के लिए अलग से पांच एकड़ जमीन देने के भी निर्देश
अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को ऐतिहासिक फैसला सुना दिया। पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने विवादित जमीन पर रामलला के हक में निर्णय सुनाया। शीर्ष अदालत ने केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को राम मंदिर बनाने के लिए तीन महीने में ट्रस्ट बनाने के निर्देश दिए हैं। अदालत ने कहा कि 02.77 एकड़ जमीन केंद्र सरकार के अधीन ही रहेगी।
साथ ही मुस्लिम पक्ष को नई मस्जिद बनाने के लिए अलग से पांच एकड़ जमीन देने के भी निर्देश हैं। इसके अलावा कोर्ट ने निर्मोही अखाड़े और शिया वक्फ बोर्ड के दावों को खारिज कर दिया है। हालांकि निर्मोही अखाड़े को ट्रस्ट में जगह देने की अनुमति को स्वीकार कर लिया गया है।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने जारी किया परामर्श
अयोध्या मामले पर आए फैसले को लेकर सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने परामर्श जारी किया है। मंत्रालय ने इसमें कहा है कि सभी टीवी चैनल और केबल टीवी ऑपरेटर दिखाई जाने वाली चर्चाओं, बहस और रिपोर्टिंग में प्रोग्राम कोड का सख्ती से पालन करें।
विहिप ने कहा- किसी की हार-जीत नहीं हुई
विश्व हिंदू परिषद् के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने अयोध्या फैसले पर कहा कि किसी की हार-जीत नहीं हुई है। फैसले को जय-पराजय की नजर से न देखा जाए।
राज ठाकरे बोले- आज मैं खुश हूं
मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि मैं आज खुश हूं। पूरे संघर्ष के दौरान बलिदान देने वाले सभी 'कारसेवकों' को.. उनका बलिदान बेकार नहीं गया। राम मंदिर का निर्माण जल्द से जल्द होना चाहिए। राम मंदिर के साथ-साथ राष्ट्र में 'राम राज्य' भी होना चाहिए, यही मेरी इच्छा है।
कोर्ट के फैसले से असंतुष्ट नजर आए ओवैसी
एआईएमआईएम प्रमुख व लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी शनिवार को आयोध्या पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले से असंतुष्ट नजर आए। उन्होंने फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मस्जिद की जमीन का कोई सौदा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को इस पर विचार करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट से भी चूक हो सकती है।
ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा, 'सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम जरूर है, लेकिन ऐसा नहीं कि उससे कोई चूक नहीं हो सकती। हम अपने कानूनी अधिकार के लिए लड़ रहे थे। हमें पांच एकड़ जमीन की खैरात नहीं चाहिए।'
उन्होंने कहा कि अगर बाबरी मस्जिद नहीं टूटती तो सुप्रीम कोर्ट का क्या फैसला लेता? साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा चुनावों में इन चीजों का इस्तेमाल करेगी।
आज मैं खुद को दोषमुक्त महसूस कर रहा हूं: एएसआई के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक (उत्तर) केके मुहम्मद ने कहा कि मैं आज अपने आप को दोषमुक्त महसूस कर रहा हूं (उन्होंने कहा था कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद से पहले राम मंदिर मौजूद था)। मुझे लोगों के एक समूह ने काफी भला-बुरा भी कहा। यह ठीक उसी तरह का निर्णय है जैसा हम सभी चाहते थे।
बता दें कि मामले को लेकर इससे पहले केके मुहम्मद ने कहा था कि एएसआई द्वारा निकाले गए पुरातात्विक और ऐतिहासिक साक्ष्य के आधार पर, अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंची कि पहले वहां एक बहुत बड़ा भव्य मंदिर था और हमें एक बार फिर से एक नए मंदिर का निर्माण करना चाहिए।
हिंदू भाइयों को मस्जिद निर्माण में भी मदद करनी चाहिए: बाबा रामदेव
बाबा रामदेव ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक फैसला है। भव्य राम मंदिर बनेगा। मुस्लिम पक्ष को वैकल्पिक भूमि आवंटित करने का निर्णय स्वागत योग्य है, मेरा मानना है कि हिंदू भाइयों को मस्जिद के निर्माण में भी मदद करनी चाहिए।
इस निर्णय को हार-जीत के तौर पर न देखें: भागवत
कोर्ट के फैसले पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि 'हम उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं। यह मामला दशकों से चल रहा था और यह सही निष्कर्ष पर पहुंच गया है। इसे हार या जीत के तौर पर नहीं देखना चाहिए। हम समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए सभी के प्रयासों का भी स्वागत करते हैं।'
सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात करेंगे शाह
सूत्रों के हवाले से दी गई खबर के अनुसाार, अयोध्या विवाद पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर गृहमंत्री अमित शाह जल्द ही देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक उपाय को लेकर बैठक कर चर्चा करेंगे।
प्रधानमंत्री ने फैसले पर ये कहा
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कई ट्वीट किए। इनमें से एक में उन्होंने लिखा कि देश के सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या पर अपना फैसला सुना दिया है। इस फैसले को किसी की हार या जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
रामभक्ति हो या रहीमभक्ति, ये समय हम सभी के लिए भारतभक्ति की भावना को सशक्त करने का है। देशवासियों से मेरी अपील है कि शांति, सद्भाव और एकता बनाए रखें।
साथ ही मुस्लिम पक्ष को नई मस्जिद बनाने के लिए अलग से पांच एकड़ जमीन देने के भी निर्देश हैं। इसके अलावा कोर्ट ने निर्मोही अखाड़े और शिया वक्फ बोर्ड के दावों को खारिज कर दिया है। हालांकि निर्मोही अखाड़े को ट्रस्ट में जगह देने की अनुमति को स्वीकार कर लिया गया है।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने जारी किया परामर्श
अयोध्या मामले पर आए फैसले को लेकर सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने परामर्श जारी किया है। मंत्रालय ने इसमें कहा है कि सभी टीवी चैनल और केबल टीवी ऑपरेटर दिखाई जाने वाली चर्चाओं, बहस और रिपोर्टिंग में प्रोग्राम कोड का सख्ती से पालन करें।
विहिप ने कहा- किसी की हार-जीत नहीं हुई
विश्व हिंदू परिषद् के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने अयोध्या फैसले पर कहा कि किसी की हार-जीत नहीं हुई है। फैसले को जय-पराजय की नजर से न देखा जाए।
राज ठाकरे बोले- आज मैं खुश हूं
मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि मैं आज खुश हूं। पूरे संघर्ष के दौरान बलिदान देने वाले सभी 'कारसेवकों' को.. उनका बलिदान बेकार नहीं गया। राम मंदिर का निर्माण जल्द से जल्द होना चाहिए। राम मंदिर के साथ-साथ राष्ट्र में 'राम राज्य' भी होना चाहिए, यही मेरी इच्छा है।
कोर्ट के फैसले से असंतुष्ट नजर आए ओवैसी
एआईएमआईएम प्रमुख व लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी शनिवार को आयोध्या पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले से असंतुष्ट नजर आए। उन्होंने फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मस्जिद की जमीन का कोई सौदा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को इस पर विचार करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट से भी चूक हो सकती है।
ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा, 'सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम जरूर है, लेकिन ऐसा नहीं कि उससे कोई चूक नहीं हो सकती। हम अपने कानूनी अधिकार के लिए लड़ रहे थे। हमें पांच एकड़ जमीन की खैरात नहीं चाहिए।'
उन्होंने कहा कि अगर बाबरी मस्जिद नहीं टूटती तो सुप्रीम कोर्ट का क्या फैसला लेता? साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा चुनावों में इन चीजों का इस्तेमाल करेगी।
आज मैं खुद को दोषमुक्त महसूस कर रहा हूं: एएसआई के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक (उत्तर) केके मुहम्मद ने कहा कि मैं आज अपने आप को दोषमुक्त महसूस कर रहा हूं (उन्होंने कहा था कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद से पहले राम मंदिर मौजूद था)। मुझे लोगों के एक समूह ने काफी भला-बुरा भी कहा। यह ठीक उसी तरह का निर्णय है जैसा हम सभी चाहते थे।
बता दें कि मामले को लेकर इससे पहले केके मुहम्मद ने कहा था कि एएसआई द्वारा निकाले गए पुरातात्विक और ऐतिहासिक साक्ष्य के आधार पर, अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंची कि पहले वहां एक बहुत बड़ा भव्य मंदिर था और हमें एक बार फिर से एक नए मंदिर का निर्माण करना चाहिए।
हिंदू भाइयों को मस्जिद निर्माण में भी मदद करनी चाहिए: बाबा रामदेव
बाबा रामदेव ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक फैसला है। भव्य राम मंदिर बनेगा। मुस्लिम पक्ष को वैकल्पिक भूमि आवंटित करने का निर्णय स्वागत योग्य है, मेरा मानना है कि हिंदू भाइयों को मस्जिद के निर्माण में भी मदद करनी चाहिए।
इस निर्णय को हार-जीत के तौर पर न देखें: भागवत
कोर्ट के फैसले पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि 'हम उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं। यह मामला दशकों से चल रहा था और यह सही निष्कर्ष पर पहुंच गया है। इसे हार या जीत के तौर पर नहीं देखना चाहिए। हम समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए सभी के प्रयासों का भी स्वागत करते हैं।'
सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात करेंगे शाह
सूत्रों के हवाले से दी गई खबर के अनुसाार, अयोध्या विवाद पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर गृहमंत्री अमित शाह जल्द ही देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक उपाय को लेकर बैठक कर चर्चा करेंगे।
प्रधानमंत्री ने फैसले पर ये कहा
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कई ट्वीट किए। इनमें से एक में उन्होंने लिखा कि देश के सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या पर अपना फैसला सुना दिया है। इस फैसले को किसी की हार या जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
रामभक्ति हो या रहीमभक्ति, ये समय हम सभी के लिए भारतभक्ति की भावना को सशक्त करने का है। देशवासियों से मेरी अपील है कि शांति, सद्भाव और एकता बनाए रखें।
श्रीश्री रविशंकर बोले- शांति और सद्भाव बनाए रखें
श्रीश्री रविशंकर ने भी कहा कि यह एक ऐतिहासिक निर्णय है, मैं इसका स्वागत करता हूं। यह मामला लंबे समय से चल रहा था और आखिरकार यह एक निष्कर्ष पर पहुंच गया है। समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखा जाना चाहिए।
ये कहां का इंसाफ है?: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से कमाल फारुकी ने कहा कि इसके बदले हमें 100 एकड़ जमीन भी दे दें तो कोई फायदा नहीं है। हमारी 67 एकड़ जमीन पहले से ही एक्वायर की हुई है तो हमको दान में क्या दे रहे हैं? हमारी 67 एकड़ जमीन लेने के बाद पांच एकड़ दे रहे हैं। ये कहां का इंसाफ है?
मंदिर बनाए जाने के पक्ष में कांग्रेस
अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर कांग्रेस पार्टी की ओर से रणदीप सुरजेवाला ने प्रेसवार्ता कर कहा कि स्वाभाविक तौर पर आपके सवाल का जवाब हां में है, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भगवान श्री राम के मंदिर के निर्माण की पक्षधर है। सुरजेवाला ने यह बात मीडिया द्वारा पूछे जाने पर कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है क्या अयोध्या में विवादित स्थल पर मंदिर का निर्माण किया जाना चाहिए।
श्रीश्री रविशंकर ने भी कहा कि यह एक ऐतिहासिक निर्णय है, मैं इसका स्वागत करता हूं। यह मामला लंबे समय से चल रहा था और आखिरकार यह एक निष्कर्ष पर पहुंच गया है। समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखा जाना चाहिए।
ये कहां का इंसाफ है?: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से कमाल फारुकी ने कहा कि इसके बदले हमें 100 एकड़ जमीन भी दे दें तो कोई फायदा नहीं है। हमारी 67 एकड़ जमीन पहले से ही एक्वायर की हुई है तो हमको दान में क्या दे रहे हैं? हमारी 67 एकड़ जमीन लेने के बाद पांच एकड़ दे रहे हैं। ये कहां का इंसाफ है?
मंदिर बनाए जाने के पक्ष में कांग्रेस
अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर कांग्रेस पार्टी की ओर से रणदीप सुरजेवाला ने प्रेसवार्ता कर कहा कि स्वाभाविक तौर पर आपके सवाल का जवाब हां में है, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भगवान श्री राम के मंदिर के निर्माण की पक्षधर है। सुरजेवाला ने यह बात मीडिया द्वारा पूछे जाने पर कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है क्या अयोध्या में विवादित स्थल पर मंदिर का निर्माण किया जाना चाहिए।
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ चुका है, हम राम मंदिर के निर्माण के पक्ष में हैं। इस फैसले ने न केवल मंदिर के निर्माण के लिए दरवाजे खोले, बल्कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने के लिए भाजपा और अन्य लोगों के लिए दरवाजे भी बंद कर दिए।
रक्षामंत्री राजनाथ ने की शांति की अपील
रक्षामंत्री राजनाथ ने की शांति की अपील
- सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक फैसला है। जनता से अपील है शांति बनाए रखें।
- याचिकाकर्ता इकबाल अंसारी फैसले पर खुश
- अयोध्या मामले के एक याचिकाकर्ता इकबाल अंसारी ने फैसले पर खुशी जताई। उन्होंने कहा, 'मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले से खुश हूं। आखिरकार फैसला आ गया, मैं फैसले का सम्मान करता हूं।'
- निर्मोही अखाड़े के प्रवक्ता ने कहा
- निर्मोही अखाड़े के प्रवक्ता कार्तिक चोपड़ा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हमारी 150 साल पुरानी लड़ाई को पहचाना, इसके लिए हम उनका शुक्रिया अदा करते हैं। अदालत ने निर्मोही अखाड़े को ट्रस्ट में उचित जगह दी है।
हिंदू महासभा के वकील ने कहा- हिंदू महासभा के वकील वरुण कुमार सिन्हा ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इसके जरिए एकता का संदेश दिया है।
मुस्लिम पक्ष ने कहा, फैसले का सम्मान करेंगे- सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने कहा कि हम फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन हम इससे संतुष्ट नहीं हैं। हम आगे की कार्रवाई पर जल्द ही फैसला लेंगे।मध्यस्थता करने वालों की प्रशंसा
- सुप्रीम कोर्ट ने विवाद में मध्यस्थ की भूमिका निभाने वाले जस्टिस कलिफुल्ला, श्रीराम पांचू और श्रीश्री रविशंकर की प्रशंसा की।
- अदालत ने कहा कि 02.77 एकड़ जमीन केंद्र सरकार के अधीन ही रहेगी। साथ ही निर्मोही अखाड़े को मंदिर के लिए बनाए जाने वाले ट्रस्ट में जगह दी जाए, हालांकि यह केंद्र सरकार पर निर्भर करेगा।
मस्जिद गिराना कानून का उल्लंघन: सुप्रीम कोर्ट- बाबरी मस्जिद विध्वंस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मस्जिद को गिराना कानून का उल्लंघन है।
- अदालत ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि तीन महीने के भीतर मंदिर बनाने के लिए ट्रस्ट बनाया जाए और मुस्लिम पक्ष को अलग से पांच एकड़ जमीन दी जाए। इस जमीन पर नई मस्जिद बनाई जाएगी।
सुन्नी वक्फ बोर्ड अपना दावा रखने में विफल हुआ: कोर्ट- अदालत ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड अयोध्या विवाद में अपना दावा रखने में विफल हुआ है। मुस्लिम पक्ष ऐसे सबूत पेश करने में विफल रहा है कि जिससे यह साबित हो सके कि विवादित जमीन पर सिर्फ उसका ही अधिकार है।
- कोर्ट ने फैसले में कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को अलग जमीन दी जाए। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि मुस्लिमों को नई मस्जिद बनाने के लिए वैकल्पिक जमीन दी जाए।
मुस्लिम अंदर नमाज पढ़ते थे और हिंदू बाहरी परिसर में पूजा करते थे
- यह स्पष्ट है कि मुस्लिम अंदर नमाज पढ़ा करते थे और हिंदू बाहरी परिसर में पूजा किया करते थे।
- हालांकि हिंदुओं ने गर्भगृह पर भी अपना दावा कर दिया। जबकि मुस्लिमों ने मस्जिद को छोड़ा नहीं था। कोर्ट ने कहा- रामजन्मभूमि कोई व्यक्ति नहीं
- अदालत ने यह भी कहा कि रामजन्मभूमि कोई व्यक्ति नहीं है, जो कानून के दायरे में आता हो।
- अदालत ने कहा कि आस्था के आधार पर फैसले नहीं लिए जा सकते हैं। ये विवाद सुलझाने के लिए सांकेतक जरूर हो सकते हैं।
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अंग्रेजों के शासनकाल में राम चबूतरा और सीता रसोई में पूजा हुआ करती थी। इस बात के सबूत हैं कि हिंदुओं के पास विवादित जमीन के बाहरी हिस्से का कब्जा था।
निर्मोही अखाड़ा न तो सेवादार और ना ही श्रद्धालु: कोर्ट- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निर्मोही अखाड़ा न तो सेवादार है और न ही भगवान रामलला के श्रद्धालु है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि 'लिमिटेशन' की वजह से अखाड़े का दावा खारिज हुआ था।
खाली जमीन पर नहीं थी मस्जिद: सुप्रीम कोर्ट- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बाबरी मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनी थी। एएसआई के मुताबिक मंदिर के ढांचे के ऊपर ही मस्जिद बनाई गई थी।
- अदालत ने कहा कि हिंदू इसे भगवान राम की जन्मभूमि मानते हैं। उनकी अपनी धार्मिक भावनाएं हैं। मुस्लिम इसे मस्जिद कहते हैं। हिंदुओं का मानना है कि भगवान राम केंद्रीय गुंबद के नीचे जन्मे थे। यह व्यक्तिगत आस्था की बात है।
चीफ जस्टिस बोले संतुलन बनाना होगा
- चीफ जस्टिस ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि अदालत को लोगों की आस्था को स्वीकार करना होगा। अदालत को संतुलन बनाना होगा।
- निर्मोही अखाड़े के दावे पर फैसला सुनाते हुए शीर्ष अदालत ने पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट पर भरोसा जताया। कोर्ट ने कहा कि इस पर शक नहीं किया जा सकता। साथ ही पुरातत्व विभाग की खोज को नजरअंदाज करना मुश्किल है।
शिया वक्फ बोर्ड का दावा खारिज- चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने फैसला सुनाते हुए कहा कि हम शिया वक्फ बोर्ड की विशेष याचिका को खारिज करते हैं। शिया वक्फ बोर्ड ने 1946 में फैजाबाद कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी।
- अदालत ने कहा कि बाबरी मस्जिद मीर बकी ने बनवाई थी। अदालत के लिए धर्मशास्त्र के क्षेत्र में जाना सही नहीं होगा।
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राजस्व रिकॉर्ड में विवादित जमीन सरकारी जमीन के नाम पर दर्ज है।
40 दिन तक चली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार सुबह 10:30 बजे अयोध्या विवाद में बहुप्रतीक्षित एतिहासिक फैसला सुना दिया। मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने यह फैसला सुनाया। पीठ ने अपने फैसले में शिया वक्फ बोर्ड का दावा खारिज कर दिया है।
बता दें कि मामले में लगातार 40 दिन तक चली सुनवाई के बाद यह फैसला आया है। कोर्ट ने हिंदू और मुस्लिम पक्ष की दलीलें सुनने के बाद 16 अक्तूबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में ऐसे दो मामले हैं जिनका रिकॉर्ड दिनों तक सुनवाई चली। इनमें पहला मामला है केशवानंद भारती मामला, जिसकी सुनवाई 68 दिन चली थी। इसके बाद है अयोध्या विवाद मामला, जिसे 40 दिन सुना गया।
इसी बीच इस फैसले की संवेदनशीलता को देखते हुए पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था चाकचौबंद कर दी गई थी। अयोध्या में भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। यूपी सरकार ने तो सोमवार तक सभी स्कूल-कॉलेजों को बंद रखने के निर्देश दिए हैं।